दुर्गा पूजा पर निबंध हिन्दी मे पढे । Durga Puja Par Nibandh hindi mein



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दुर्गा पूजा पर निबंध हिंदी में पढ़े - Durga Puja Par Nibandh in hindi  -


 


दुर्गा पूजा पर निबंध  - 


दुर्गापुजा हिन्दुओं का सर्वप्रमुख पर्व है। इस पर्व को कही दशहरा, कहीं शारदीय नवरात्रपुजा और कहीं विजयादशमी भी कही जाती है। 



इस पर्व को मुख्य रूप से बिहार, बंगाल और उत्तर प्रदेश के लोग बड़ी धूम धाम से मनाते हैं। दुर्गापुजा शक्ति की उपासना है। यह अधर्म पर धर्म की, असत्य पर सत्य की विजय का पर्व है।



दुर्गापूजा की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के विषय में कई तरह की धार्मिक कथाएँ प्रचलित की है। कुछ लोग कहते है किं राम ने इसी दिन रावण का वध किया है।



 उसी खुशी मे यह पर्व मनाया जाता है कुछ लोगो के अनुसार महिषासुर नामक असुर महान शक्तिशाली एवं पराक्रमी था। उसने देवताओं को पराजित कर स्वर्ग पर अधिकार कर लिया था ।



 स्वर्ग - चयुत भयातुर देवताओ मे भगवान विष्णु की स्तुति - आराधना की।  ब्रह्मा विष्णु, महेश- इन त्रिदेशों के शरीर से तथा सभी देवताओ के शरीर से थोड़ा-थोड़ा तेज निकला और सबके सम्मिलित तेज - पुंज से नारी रूप में आदिशक्ति माता दुर्गा प्रकट हुई।



 देवाताओं ने अपने -अपने अस्त्र माता को प्रदान किए। माता हुंकार करती हुई युद्ध के मैदान में पहुँची और. प्रचंड बॉली महिषासुर का वध किया। उसी विजय के उपलक्ष्य में दुर्गापुजा का पर्व मनाया जाता है।



 कथाएँ जो भी सत्य हो, पर यह पूर्णतः सत्य है कि यह पर्व असत्य पर सत्य की, अधर्म पर धर्म की विजय के रूप में मनाया जाता है।



दुर्गापुजा का पर्व दस दिन तक मनाया जाता है आश्विन मास के शुक्लपक्ष के प्रारम्भ में ही कलश स्थापना होता है और माता दुर्गा की पुजा प्रारम्भ हो जाती है।



 बड़ी निष्ठा ऋद्धा भक्ति, बड़े उल्लास और धुम-धाम से दुर्गापुजा की जाती है। दशमी को यज्ञ की समाप्ति के बाद विसर्जन का काम होता है। 



इस अवसर पर कही-कही मेला लगता है तथा विभिन्न स्थानों पर संगीत - समारोह का भी आयोजन किया जाता है।


दुर्गापुजा के अवसर पर सभी शिक्षण-संस्थान और सरकारी कार्यालय बन्द कर दिए जाते है सभी लोग मिल-जुलकर इस पर्व को मनाते है।इस पुनित अवसर पर हम सबको अपनी संस्कृति से शील और शक्ति की सीख लेनी चाहिए।



यह उत्सव मात्र प्रचण्ड शक्ति का ही प्रचारक नहीं, बल्कि उसके सालिक तेज का भी प्रेरक है। अत: सबको सात्विक भाव से ही माँ दुर्गा की पूजा करनी चहिए। 



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